बढ़ापुर बिजनौर

सपा कार्यकर्ता भी आज के दिन को यादगार रखने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे है बढ़ापुर विधानसभा की बात करे तो भावी उम्मीदवार रईस अहमद कुरैशी ने अपने कार्यकर्ता टीम के साथ आज बढ़ापुर पहुंचकर अखिलेश यादव का जन्मदिन बहुत सादगी के साथ केक काटकर मनाया ।सभी कार्यकर्ताओं ने उनके लंबी उम्र और भविष्य में मुख्यमंत्री बनने के लिए दुआ की.!!वही आपको बता दे वरिष्ठ नेता रईस अहमद कुरैशी 1992 से सक्रिय नेता की भूमिका पर काम करते रहे है चाहे पार्टी की तरफ से जेल भरो आंदोलन व धरना प्रदर्शन किया हो कुरैशी ने अपना बल हमेशा पार्टी की उन्नति के लिए लगाया है।जैसी ऊर्जा सन् 1992 में नौजवान साथी के रूप में थी आज भी वो अपने साथियों के बीच एक विधायक उम्मीदवार के रूप में कम भाई के रूप में मिलना पसंद करते है।आज का कार्यक्रम शैख फ़हीम के आवास पर हुआ, खाना और नाश्ता , राहगीरों को पानी पिलाया गया अखिलेश यादव के लिए दुआ लंबी उम्र के लिए दुआ मांगी गई। शैख फहीम सामाजिक कार्यकर्ता है जो रईस अहमद कुरैशी का काम देख उनसे प्रभावित होकर आज अपने आवास पर पार्टी का आयोजन किया।

बढ़ापुर विधानसभा रईस अहमद कुरैशी का योगदान पार्टी में वर्ष 1992 से लेकर सफर पर नजर
जिसमे पूर्व जिला उपाध्यक्ष समाजवादी पार्टी वर्ष 1993इसमें आंदोलन संघर्ष जेल भरो आंदोलन भी शामिल है।
पूर्व लोक सभा प्रभारी नगीना 2014 रहे।इस बीच लोकसभा हो या विधानसभा सभी में अपना योगदान दिया।
रईस अहमद कुरैशी ने सपा कार्यकर्ता को संबोधित करते हुए कहा 2022 का चुनाव के बाद भाजपा सत्ता से बाहर का रास्ता देखेगी और सपा मजबूती के साथ यूपी में अपनी सरकार बनाने जा रही है। रईस कुरैशी ने बताया बीजेपी की विचार धारा से गरीब इंसान लाचार और मरने पर मजबुर हुआ है उन्होंने वादा किया है 2022 में सपा सरकार आते ही सरकार गरीबों के लिए पहले काम करेगी। मनरेगा योजना जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा है वो मनरेगा के लिए भी अच्छा काम करेगी। घरेलू गैस के दामों के लेकर पेट्रोल की मार से आज यूपी बढ़ती महंगाई की मार झेल रहा है जिसका असर सीधा आम इंसान गरीब इंसान के ऊपर आ रहा है सरकार इस पर गहराई से विचार सभी को राहत देने का काम करेगी।सपा सरकार सभी बढ़ते दामों पर काम करेगी जिससे सभी को राहत मिलेगी।इसी बीच भावुक हुए वरिष्ठ नेता रईस अहमद कुरैशी ने बताया बढ़ापुर से उनका पुराना गहरा नाता है इसलिए हमेशा बढ़ापुर के लोगो के बीच रहते है। वो विधायक के रूप में नही बेटा बनकर काम करेगे।नगीना से पूर्व जिला महासचिव छात्र सभा शादाब अंसारी जिन्होंने अपने कार्यकर्ताओं के हौसले को मजबूत कर भाजपा सरकार की नीति के खिलाफ आवाज उठाने के लिए सभी लोगो को जागरूक किया। जिसमे विधानसभा अध्यक्ष शेख मोहम्मद उस्मान,नगर अध्यक्ष आशु इश्तियाक,खुर्शीद सलमानी, शुएब उर्फ शोबी,इरशाद मालिक शादाब अंसारी,विकार सिद्दीकी,भूरा पठान,इरफान कुरैशी,कृपाल सैनी,डॉक्टर अकबर उस्मानी,इकबाल कुरैशी,समीर जैदी,नासिर अंसारी, इस बीच सभी के अज़ीज़ जिला उपाध्यक्ष औरंगजेब उर्फ सलमान कुरेशी वे तमाम पार्टी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।
अखिलेश यादव का सफरनामा

..मिलनसार छवि और साधारण व्यक्तिव के धनी अखिलेश को राजनीतिक वातावरण विरासत में मिला है. वे दिग्गज़ राजनीतिज्ञ मुलायम सिंह यादव के सुपुत्र हैं. अखिलेश ने केवल 38 साल की आयु में यूपी की सत्ता संभाली और उत्तर प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड बनाया. राज्य में स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद, 15 मार्च 2012 को उन्होंने उत्तर प्रदेश के 33वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की थी. इससे पूर्व वे लगातार तीन बार सांसद भी रह चुके थे.
अखिलेश यादव के जन्म से…
अखिलेश यादव का जन्म 1 जुलाई, 1973 को यूपी के जनपद इटावा के सैफई गांव में मुलायम सिंह यादव और उनकी पहली पत्नी मालती देवी के यहां हुआ. राजनीतिक वातावरण अखिलेश यादव को विरासत में मिला हुआ है. मुलायम सिंह यादव देश के दिग्गज़ नेताओं में शामिल हैं और उनकी राजनीति का हर कोई लोहा मानता है और मुलायम सिंह को ‘धरतीपुत्र’ उपनाम से भी जाना जाता है. वे तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. अखिलेश के चाचा शिवपाल सिंह और राम गोपाल यादव भी राजनीतिज्ञ हैं.अखिलेश यादव का संबंध राजस्थान से भी रहा है. अखिलेश यादव की स्कूलिंग राजस्थान के धोलपुर स्थित मिलिट्री स्कूल से हुई. स्कूलिंग के बाद बीटेक करने के लिए वे मैसूर (कर्नाटक) के एस॰ जे॰ कालेज ऑफ इंजीनियरिंग चले गए. आज भी उन्हें मैसूर और उसके आसपास का इलाका काफी पसंद है.बीटेक के बाद अखिलेश विदेश चले गये और सिडनी विश्वविद्यालय से पर्यावरण अभियान्त्रिकी में स्नातकोत्तर किया. मैदानी इलाके में पले बढ़े अखिलेश यादव को पहाड़ियां खूब भाती है. पहाड़ी इलाकों में एडवेंचर करना उन्हें काफी पसंद है. रिवर राफ्टिंग और माउंटेन ट्रैकिंग उनके फेवरेट एडवेंचर हैं. अखिलेश ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत मई, 2009 के लोकसभा उप-चुनाव में की जहां उन्होंने फिरोजाबाद सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी एस.पी.एस. बघेल को 67,301 मतों से हराकर सफलता प्राप्त की. इसके अतिरिक्त वे कन्नौज से भी जीते. बाद में उन्होंने फिरोजाबाद सीट से त्यागपत्र दे दिया और कन्नौज सीट अपने पास रखी.2012 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में मुलायम सिंह ने पार्टी की बागड़ौर अखिलेश यादव के युवा हाथों में दे दी और अखिलेश ने भी अपने युवा अनुभव का फायदा उठाते हुए पार्टी को स्पष्ट जीत दिलाई. 15 मार्च, 2012 के विधानसभा चुनाव में 224 सीटें जीतकर मात्र 38 वर्ष की आयु में ही वे उत्तर प्रदेश के 33वें मुख्यमंत्री बन गये.हालांकि पिछला विधानसभा और लोकसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के लिए अच्छा नहीं गया.
खामियाजा वक्त
पिछले विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने कांग्रेस पार्टी से हाथ मिलाया और गठबंधन में चुनाव लड़ा लेकिन जनता के बीच असर नहीं डाल पाए और सपा बुरी तरह चुनाव हारी. यहां पहली बार बीजेपी की योगी सरकार बनी. लोकसभा चुनावों में भी पार्टी ज्यादा अच्छा नहीं कर पाई. अखिलेश यादव ने अपने पिता की आजमगढ़ सीट से चुनाव लड़ा और लोकसभा पहुंचने में सफल रहे. मुलायम सिंह ने मैनपुरी से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. वर्तमान में अखिलेश यादव 2022 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनावों के लिए सपा की जमीन मजबूत कर रहे हैं.अखिलेश यादव फिल्मों के बड़े दीवाने हैं. फिल्मी सितारे अखिलेश यादव को हमेशा से आकर्षित करते थे. जब उनकी शादी में कई बड़े सितारे पहुंचे तो वह खुद भी शॉक्ड थे. अखिलेश यादव के पसंदीदा कलाकारों में अमिताभ बच्चन और जूलिया रोबर्ट का नाम शुमार है. हरियाली और पहाड़ी इलाकों के शौकीन है।