2008 केस—-उत्तर प्रदेश के जिला अमरोहा गांव के बावनखेड़ी इलाके में 2008 में हुआ था एक कांड. 15 अप्रैल 2008 की रात अपने ही प्रेमी के साथ मिलकर अपने घरवालों की थी हत्या 7 लोगों को उतारा था मौत के घाट. इस केस में होगी कल सुनवाई और देखने को मिलेगा क्या शबनम और उनके प्रेमी सलीम को मिलती है फांसी की सजा.

शबनम जुलाई 2019 से रामपुर जेल में बंद है सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के बाद राष्ट्रपति ने की थी उनकी याचिका खारिज. कल होगा इस केस पर बड़ा फैसला और देखने को मिलेगा क्या शबनम को मिलती है उनके गुनाहों की सजा
इसी कारण शबनम ने रविवार को रामपुर जेल में अपने बेटे से मुलाकात की थी. साथ ही की सीबीआई जांच की मांग रविवार को शबनम का बेटा लालन-पालन करने वालों के साथ अपनी मां से मिलने रामपुर की जेल पहुंचा था। दोपहर लगभग 12.10 बजे वह जेल से अंदर गया और लगभग 1.15 पर बाहर आया। एक घंटे तक मां-बेटे के बीच मुलाकात हुई। शबनम ने अपने बेटे को इतने टाइम के बाद देख कर उनको गले लगा लिया और फूट-फूट कर रोने लगी शबनम ने अपने बेटे को खूब सारा प्यार और स्नेह दिया और साथ ही मन लगाकर पढ़ाई करने की और अपनी सेहत का ध्यान रखने की भी सलाह दी. लगभग 1 घंटे तक मां बेटे में बातचीत चलती रही जब शबनम का बेटा जेल से बाहर आया तो उनकी आंखों में आंसू देखे गये. साथ ही उन्होंने इस बारे में कुछ भी बताने से साफ इंकार कर दिया.

आपको बता दें कि शबनम अपने सात परिजनों की हत्या के आरोप में दोषी करार दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने भी उसकी फांसी की सजा कायम रखी है। राज्यपाल और राष्ट्रपति के यहां से भी उसकी दया याचिका खारिज हो चुकी है। ऐसे में मथुरा जेल में उसको फांसी दिए जाने की तैयारी शुरू हो गई है। हालांकि अभी उसका डेथ वारंट जारी नहीं हुआ है। शबनम से पूछताछ करके पूछा गया कि क्या यह गुना तुमने करा है तो शबनम ने साफ इंकार कर दिया और बोली कि मैंने ऐसा कोई गुनाह नहीं किया और इस गुनाह में मुझे फंसाया जा रहा है! शबनम ने कई बार सीबीआई जांच की मांग की है पर उनकी इस मांग को खारिज कर दिया गया है और उनकी बात नहीं सुनी गई अब मीडिया से शबनम को बातचीत का इंतजार रहेगा साथ ही देखना है कि कल सुप्रीम कोर्ट का क्या फैसला होता है.

कल का दिन देखने को होगा बहुत कुछ खास और देखने को मिलेगा शबनम केस का क्या हुआ आखिर में अंजाम क्या मिलती है शबनम को फांसी या फिर मिलेगा शबनम को अपनी सफाई रखने का एक और मौका.