व्यापारियों की बढ़ी परेशानी:—— कोरोना के बढ़ते मामले के चलते एक बार देश में फिर से लॉकडाउन और नाईट कर्फ्यू जैसी समस्याओं का सामना सभी को करना पड़ रहा है इसका सबसे ज्यादा नुकसान व्यापारियों को हो रहा है और सभी व्यापारी योगदान और नाइट कर्फ्यू के खिलाफ हैं व्यापारियों ने मिलकर मोदी से गुजारिश भी की है कि वह लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू को ना लगाएं. इनका असर व्यापारियों के रिटेल और थोक कारोबार पर पड़ा है और उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है.

यह बात कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कही.खुदरा कारोबार करने वाले व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के सेक्रेटरी जनरल प्रवीण खंडेलवाल ने एनडीटीवी से कहा गया कि लॉकडाउन और नाईट कर्फ्यू के कारण देश में रिटेल कारोबारियों में 30 percent की गिरावट आ चुकी है एक हफ्ते में गिरावट आ गई है उनके कारोबार में बिल्कुल भी बचत नहीं हो पा रही है.

जबकि रिटेल के कारोबारियों का नुकसान 15 से 20 फ़ीसदी हुआ है.खंडेलवाल ने बताया कि हमने देशभर के 8000 व्यापारी संघ के नेताओं और व्यापारियों का सर्वे किया है. करो ना के कारण सरकार ने नाइट करके और लॉक लॉक डाउन तो कर दिया है पर के अधिकतर व्यापारी के खिलाफ है और उन्होंने अपने सर्वे के मुताबिक रिपोर्ट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई अन्य मंत्रियों को सर्वे रिपोर्ट सेंड कर दी है. सभी व्यापारियों ने प्रधानमंत्री से यह गुजारिश की है.

देश में लॉकडाउन और नाइट करके उसके बजाय नए विकल्प पर काम करना जरूरी है कि करुणा केसेस भी ना बढ़े और व्यापारियों का नुकसान भी ना हो. सरकार को सरकारी और प्राइवेट कंपनियों को अलग-अलग समय पर खोलने के विकल्प पर काम करना चाहिए जिससे किसी का नुकसान नहीं होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी कार्यकर्ताओं की कंपनियों को अलग समय पर खुलने के विकल्प पर ज्यादा ध्यान दें इस चीज की गुजारिश सभी व्यापारियों ने प्रधानमंत्री से की है.