भारतीय नौसेना को मिलने जा रही है आज एक नई ताकत क्योंकि भारतीय नौसेना में आज होने वाली है शामिल INS करंज. मुंबई में पश्चिमी नौसेना की कमान में INS करंज के शामिल होने का कार्यक्रम.INS करंज फ्रांस की मदद से हुई है तैयार. फ्रांस ने की है पूरी मदद पनडु्बी को तैयार करने में.

पनडु्बी तकरीबन 70 मीटर लंबी और 12 मीटर ऊंची है INS करंज. मिसाइल और टारपीडो से लैस है यह नई पनडु्बी मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में एक कार्यक्रम के दौरान आईएनएस करंज को शामिल किया गया. ‘साइलेंट किलर’ नाम से मशहूर INS करंज को मेक इन इंडिया कैंपेन की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है क्योंकि कलवरी क्लास की ये तीसरी सबमरीन जब अपने मिशन पर रहती है, तो कोई आवाज़ नहीं करती है. यानी ये सबमरीन दुश्मन के इलाके में होगी, उसे नेस्तानाबूद कर रही होगी, तब कोई आवाज़ नहीं आएगी.आईएनएस करंट 1969 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था और साल 2003 में सेवानिवृत्त किया गया. अब नए सबमरीन का नाम एनएस करंज हैं.

बिना आवाज के दुश्मनों पर रख सकती है नजर यह अनोखी पनडु्बी जो आज शाम को मुंबई नौसेना में शामिल हो जाएगी इस पनडु्बी की कई खासियत है.करंज पनडुब्बी 45-50 दिन तक पानी में रह सकती है. सभी सैनिकों के आराम करने के लिए भी इसमें कई कमरे मौजूद है स्टील्थ टेक्नोलॉजी से यह रडार की पकड़ में नहीं आता. किसी भी मौसम में कार्य करने में सक्षम है. भारतीय नेवी की परंपरा रही है कि नेवी से रिटायर हो चुके युद्धपोत, सबमरीन के नाम से ही नए सबमरीन और युद्धपोत के नाम रखे जाते हैं.आईएनएस करंज के भीतर 360 बैटरी सेल्स है. प्रत्येक बैटरी सेल्स का वजन 750 किलो के करीब है. इसके भीतर दो 1250 केडब्ल्यू डीजल इंजन है. आईएनएस करंज 45-50 दिनों के सफर पर जा सकता है. इन्ही बैटरियों के दम पर आईएनएस करंज 6500 नॉटिकल माइल्स यानी करीब 12000 किमी का रास्ता तय करना सकता है.
यह पनडु्बी दुश्मनों का पता लगाने के लिए समुंदर के निचले हिस्से तक जा सकती है यह सबमरीन 350 मीटर गहराई तक जाकर दुश्मनों का पता आराम से लगा सकती है इसके भीतर एडवांस वेपन है, जो युद्ध जैसे समय में आसानी से दुश्मनों के छक्के छुड़ा सकता है. जैसे सबसे ज़रूरी इसके पीछे के हिस्से में magnetised propulsion मोटर जिसकी तकनीक को फ्रांस से लिया गया है, इस सबमरीन पर करीब 40 लोगों का क्रू एक साथ काम कर सकता है जिनमे से 8 से 9 अफसर होते है. सबमरीन में जगह कम होने के कारण कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है. सबमरीन में किचन को गैली कहा जाता है. इस पनडु्बी में सब कुछ है पनडु्बी में खाने बनाने की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई हैं और साथ ही पूरी सावधानी के साथ खाना बनाने की भी जरूरत है क्योंकि पनडु्बी में कहीं पर भी धुआं निकलने की जगह नहीं है तो इसलिए धोने का काम इसमें नहीं कर सकते.