किसानों को गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने से रोकने के लिए सरकार द्वारा दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर कीलें लगाई गई थी ताकि किसान बॉर्डर पार करके दिल्ली में ना घुस सके लेकिन सरकार द्वारा जहां-जहां कीलें लगाई गई थी किसान नेताओं ने वहीं पर फूलों के पौधे लगाने का निर्णय लिया है! गाजीपुर बॉर्डर पर इसके लिए दो डंपर मिट्टी भी मंगा ली गई है और अब गाजीपुर बॉर्डर पर जहां पर कीलें लगाई गई थी उस जगह पर भारतीय यूनियन किसान नेता राकेश टिकैत फूलों के पौधे रोपने का काम कर रहे हैं!

नए कृषि कानून को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर किसानों और सरकार के बीच हर रोज़ गतिरोध अपने अलग-अलग स्तर पर पहुंच जाता है. कुछ दिन पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वे किसानों से केवल एक कॉल दूर है और इसके बाद सरकार द्वारा गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर किसानों की बढ़ती हुई संख्या को रोकने के लिए लगवा दी गई थी लेकिन इसके बाद इस मामले पर हर तरफ विरोध होने लगा कि आखिर सिर्फ किसानों को रोकने के लिए ही ऐसी सुरक्षा तैनात क्यों करी गई है ऐसी सुरक्षा आतंकवादियों को रोकने के लिए क्यों नहीं करी जाती इसके अलावा सरकार पर और भी सवाल उठ रहे थे!
जब कीलें लगवाने के बाद भारत सरकार की हर तरफ किरकिरी होने लगी तो स्थानीय प्रशासन ने जल्द से जल्द उन कीलों को गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर से हटवा लीं! लेकिन यह कहानी अभी यहां पर खत्म नहीं हुई इस कहानी में एक और बेहतरीन मोड़ आया है आपको बता दें जहां पर सरकार द्वारा कीलें लगाई गई थी अब किसानों ने उसी जगह पर फूलों के पौधे लगाने का निर्णय लिया है! किसान नेता राकेश टिकैत ने इसके लिए गाजीपुर बॉर्डर कर दो डंपर मिट्टी भी मंगवा ली है और अब किसान नेता राकेश टिकैत कीलों वाली जगह पर फूलों के पौधे लगाने का काम कर रहे हैं!

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जहां-जहां कल तक सरकार द्वारा लगाई गई कीलें नजर आ रहे थी वहां पर अब किसानों द्वारा लगाए हुए फूलों के पौधे नजर आएंगे! आपको बता दें कि गाजीपुर बॉर्डर पर होने वाले संसद सत्र पर बवाल की आशंका को देखते हुए दिल्ली पुलिस में ना तो सिर्फ मुख्य सड़कों को बैरिकेडिंग से बंद करा था बल्कि कंटीले तार भी लगाए गए थे और आसपास के जंगल वाले इलाकों में भी दिल्ली पुलिस द्वारा कंटीले तार लगा दिए गए थे! इस वजह से किसानों और आसपास के सभी रहने वाले लोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा क्योंकि सड़क के बंद होने के बाद जंगल के कुछ रास्ते हैं आसपास के इलाकों में जा सकते थे लेकिन पुलिस ने रास्तों को भी बंद कर दिया था! लेकिन किसानों ने हार नहीं मान कर अब सरकार को जवाब देने का फैसला लिया है जहां-जहां किसानों को रोकने के लिए कीलें लगाई गई थी वहां वहां आप फूलों के पौधे लगाएं जा रहे हैं!
