
आज (6 फरवरी) संयुक्त किसान मोर्चा ने भारतव्यापी चक्का जाम का आह्वान किया था। चक्का जाम के समापन पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को संबोधित करते हुए केंद्र को भी चेतावनी दी।
राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार तीनों कानून वापस ले और एमएसपी पर गारंटी कानून बनाए। बातचीत के लिए सरकार को पहले जैसा ही प्लेटफार्म तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि अब अपने बेटों को फौज में भर्ती करने वाले किसान उनकी तस्वीरों के साथ आंदोलन में शामिल होंगे।
टिकैत ने कहा कि पूरे देश में किसान कानूनों के खिलाफ आंदोलन करेंगे। राकेश टिकैत ने यह भी कहा कि सरकार बातचीत के लिए तैयारी करे, वह 2 अक्तूबर तक आंदोलन चलाने के लिए तैयार हैं।गाजीपुर बॉर्डर पर आज बोए गए आलू और गन्ने
दिल्ली पुलिस द्वारा लगाई गई कील वाले स्थान पर शुक्रवार को आंदोलनकारी किसानों ने मिट्टी डालकर फूल लगाए थे। शनिवार को दिल्ली पुलिस ने इस स्थान को अपने कब्जे में लेकर बैरिकेडिंग कर दी है। यहां पर पुलिस बल तैनात किया गया है। इसके बाद आज दिन में राकेश टिकैत ने एक बार फिर वहीं खेती की। आज उन्होंने आलू और गन्ना बोया। उन्होंने कहा कि खेतों में हल किसान चलाएगा और देश की रक्षा जवान करेगा। इस मिट्टी की रक्षा जवान करेगा।
दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड में चक्का जाम के दौरान हिंसा के मिले थे इनपुट, इसलिए यहां टालाः राकेश टिकैत
राकेश टिकैत ने शुक्रवार देर रात अमर उजाला से बातचीत में कहा कि यूपी और उत्तराखंड में चक्का जाम कार्यक्रम को रद्द नहीं किया है बल्कि टाला है, आगे फिर कभी इन दोनों राज्यों में यह कार्यक्रम किया जाए जाएगा। उन्होंने कहा कि दरअसल इनपुट गलत तरीके के मिले थे, हिंसा की गुप्त सूचना मिली थी। आंदोलन को बदनाम करने के लिए चार पांच जगहों पर गाड़ियों के शीशे तोड़े जाने की योजना थी। इन सब को ध्यान में रखते हुए यूपी, उत्तराखंड और दिल्ली में चक्का जाम के कार्यक्रम को फिलहाल टालना पड़ा।